खुशियों की किलकारी गूंजी, सबने उसको दुलराया
मां होने का सुख पाकर आंचल में दूध उतर आया
पर एक परत दंश की थी, चुपके से आकर पसर गई
मासूम वो घंटों नंगा था, जो अभी अभी दुनिया में आया
७ अरब होने में भागीदारी करने वाले आगरा के बच्चे के लिए
जिसे १२ घंटे तक कपडे भी नसीब न हुए
मां होने का सुख पाकर आंचल में दूध उतर आया
पर एक परत दंश की थी, चुपके से आकर पसर गई
मासूम वो घंटों नंगा था, जो अभी अभी दुनिया में आया
७ अरब होने में भागीदारी करने वाले आगरा के बच्चे के लिए
जिसे १२ घंटे तक कपडे भी नसीब न हुए
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