Saturday, November 5, 2011

सियासत

ये कौन है सियासती ये किसकी करामात है
बुझा बुझा है आसमां, सहमी हुई सी रात है
कौन घोल गया भला फिजा में रंग जहर भरा
चाँद हुआ मलिन मलिन कहीं तो कोई बात है

 

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