नयन मेरे पढ़कर तुम बात तुम्हारी कहते तो
गुनते बुनते रचते बसते हम बात तुम्हारी सुनते तो
क्यों सावन की राह चलो न अच्छी न बात भली
मेरे नयन बरसते हैं जब खुद को कहती दुःख की बदली
दुःख की नदिया छोटी हो जाती इसके पार उतरते तो
सांसों में घुलकर मेरी तुम सांस तुम्हारी बहने देते
दग्ध ह्रदय शीतल होता तुम आँख तुम्हारी बहने देते
धड़कन धड़कन को पढ़ लेती तुम धड़कन से लिखते तो
गुनते बुनते रचते बसते हम बात तुम्हारी सुनते तो
क्यों सावन की राह चलो न अच्छी न बात भली
मेरे नयन बरसते हैं जब खुद को कहती दुःख की बदली
दुःख की नदिया छोटी हो जाती इसके पार उतरते तो
सांसों में घुलकर मेरी तुम सांस तुम्हारी बहने देते
दग्ध ह्रदय शीतल होता तुम आँख तुम्हारी बहने देते
धड़कन धड़कन को पढ़ लेती तुम धड़कन से लिखते तो
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