Saturday, April 9, 2016

हाल वही पुराना सा

तुमसे दिल का हाल कहूँ, ये अच्छी बात नहीं
एक ही तुम, एक ही दिल और हाल वही पुराना सा
अपनी आँखों में मंजर अब भी वैसे ही हैं
वो ही चेहरा, वही शिकन और उस दिन के तेरा जाना सा
कड़ी धूप में तपता चेहरा कुछ कुछ सिंदूरी भी
वो ही दिन, वैसी ही शामें और चेहरे पर रातो का आना सा
हर्फ चुने, बहर बनाई पर कुछ छूट गया
वो ही सरगम, ताल वही और मैं बिखरे सुर का गाना सा
बृजेश....