लहू की सरगोशियाँ कान तक पहुंची आँख में खून उतर आया
चलो अच्छा है, मालूम तो चला शैतान अभी जिन्दा है
पर ये पूरा सच नहीं है, उसमे कुछ इंसां सा बाकी है
सुना है वो अपनी गलती पर बेहद शर्मिंदा है,
दरअसल हर रोज़ जिबह होता है ज़मीर ज़रुरत के हक़ में
वो दिल से बहूत दूर है, बस पापी पेट का कारिन्दा है,
वो दिल से बहूत दूर है, बस पापी पेट का कारिन्दा है,
वो कैसे गायेगा इंसानियत के साज़, होगा इंसां सा-जिंदा
दरअसल वो आज भी मुर्दों के शहर का बाशिंदा है.google